हर रोज़ ,वो अपने पति के नाम एक love-letter लिखा करती थी ,लैटर बॉक्स में ख़त डालना और फिर बेसब्री से उनके reply का इंतज़ार ,जो अगले दिन की दोपहर तक आ ही जाता था .जैसे ही
उसे envelope मिलता था ,एक बच्चे जैसी उत्सुकता लेकर ,ख़त को दो या तीन बार जोर से पढ़ती,जब तक उसे ख़त का हर एक-2 शब्द महसूस नहीं हो जाता और फिर एक प्यारभरी मुस्कान लेकर,उनके सुन्दर signature को ऊँगली से छूकर महसूस करती और फिर अगला ख़त लिखने बैठ जाती .
आज जब डाकिया उनके पति के घर चिठ्ठी लेकर पहुंचा ,उसको पडोसी द्वारा बताया गया की वो विधवा महिला, जो घर में पिछले तीन साल से अकेली रह रही थी ,गुज़र चुकी हैं ........
उसे envelope मिलता था ,एक बच्चे जैसी उत्सुकता लेकर ,ख़त को दो या तीन बार जोर से पढ़ती,जब तक उसे ख़त का हर एक-2 शब्द महसूस नहीं हो जाता और फिर एक प्यारभरी मुस्कान लेकर,उनके सुन्दर signature को ऊँगली से छूकर महसूस करती और फिर अगला ख़त लिखने बैठ जाती .
आज जब डाकिया उनके पति के घर चिठ्ठी लेकर पहुंचा ,उसको पडोसी द्वारा बताया गया की वो विधवा महिला, जो घर में पिछले तीन साल से अकेली रह रही थी ,गुज़र चुकी हैं ........
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