अमां यार, सुरेस भाई का अभी 4 मिनट पहले ही तो आया था फोन, कह रहे थे की rto के बाहर मिल जइयो, पता नि कहाँ रह गए, टूंडे के यहाँ समोसे खाने न बैठ गए हों.
मुन्नू अपने लाइसेंस के चक्कर में पिछले 15 मिनट से RTO दफ्तर के बाहर खड़ा था, जहाँ वो मन ही मन बिना रुके सुरेस भाई ( RTO दलाल, जो की उनका पुराना पडोसी था) को गालियाँ दे रहा था, वहीँ वो 10 रूपये की मूंगफली चबाकर, दफ्तर के बाहर उनके छिलकों से स्वच्छ भारत कर रहा था. दफ्तर के बाहर और अन्दर चारों और फ़ाइल सँभालते दलालों का इस तरह खुला राज था मानों प्रेस या पुलिस शहर में हो ही नहीं, लम्बी छुट्टी पे हो. तभी सुरेस आया...
मुन्नू : फोन घर छूट गया होगा तुम्हारा और घडी से चलने की आदत तो है ही नहीं, जिल्ले सुभानी आप इतनी जल्दी आ गये, बताओ 56 भोग लगवाऊं आपके लिए?
सुरेस : बकवास मत करे, कागज़ लाया है?
मुन्नू : कागज़ गए यमुनापार, पहले ये बताओ मैं पागल हूँ जो आधे घंटे से इंतज़ार कर रहा हूँ ?
सुरेस : अबे यार, चल अभी 30 मिनट का काम है
सुरेस ने बात निपटाते हुए, मुन्नू को पहले फॉर्म भरवाया, साईन करवाए, फोटो खिंचवाकर फिर कागजात जमा कराये.और इसी बीच सरकारी कर्मचारियों से बातचीत ऐसे हो रही थी जैसे वो रिश्तेदार हों और रोज़ राजमा/हलवे की कटोरियाँ EXCHANGE होती हों. जब मुन्नू ने कहा की टेस्ट वगैरह भी होगा क्या तो सुरेस भाई ने ये कहकर चुटकी लेली " अबे ये कोई उम्र है पेपर लिखने की, स्कूल कॉलेज में कम लिखे क्या ? तुम बताओ इत्ती जल्दी हो जायेगा कहीं काम तुम्हारा? हेहेहेह्हे "
मुन्नू का काम नई IRCTC वेबसाइट में रिजर्वेशन की तरह मिनटों में हो गया था, वो भी मात्र 300 रूपये में. मुन्नू इस दिलासे से खुश था, की चलो एक महीने में लर्निंग तो आ ही जायेगा.
मुन्नू अपने लाइसेंस के चक्कर में पिछले 15 मिनट से RTO दफ्तर के बाहर खड़ा था, जहाँ वो मन ही मन बिना रुके सुरेस भाई ( RTO दलाल, जो की उनका पुराना पडोसी था) को गालियाँ दे रहा था, वहीँ वो 10 रूपये की मूंगफली चबाकर, दफ्तर के बाहर उनके छिलकों से स्वच्छ भारत कर रहा था. दफ्तर के बाहर और अन्दर चारों और फ़ाइल सँभालते दलालों का इस तरह खुला राज था मानों प्रेस या पुलिस शहर में हो ही नहीं, लम्बी छुट्टी पे हो. तभी सुरेस आया...
मुन्नू : फोन घर छूट गया होगा तुम्हारा और घडी से चलने की आदत तो है ही नहीं, जिल्ले सुभानी आप इतनी जल्दी आ गये, बताओ 56 भोग लगवाऊं आपके लिए?
सुरेस : बकवास मत करे, कागज़ लाया है?
मुन्नू : कागज़ गए यमुनापार, पहले ये बताओ मैं पागल हूँ जो आधे घंटे से इंतज़ार कर रहा हूँ ?
सुरेस : अबे यार, चल अभी 30 मिनट का काम है
सुरेस ने बात निपटाते हुए, मुन्नू को पहले फॉर्म भरवाया, साईन करवाए, फोटो खिंचवाकर फिर कागजात जमा कराये.और इसी बीच सरकारी कर्मचारियों से बातचीत ऐसे हो रही थी जैसे वो रिश्तेदार हों और रोज़ राजमा/हलवे की कटोरियाँ EXCHANGE होती हों. जब मुन्नू ने कहा की टेस्ट वगैरह भी होगा क्या तो सुरेस भाई ने ये कहकर चुटकी लेली " अबे ये कोई उम्र है पेपर लिखने की, स्कूल कॉलेज में कम लिखे क्या ? तुम बताओ इत्ती जल्दी हो जायेगा कहीं काम तुम्हारा? हेहेहेह्हे "
मुन्नू का काम नई IRCTC वेबसाइट में रिजर्वेशन की तरह मिनटों में हो गया था, वो भी मात्र 300 रूपये में. मुन्नू इस दिलासे से खुश था, की चलो एक महीने में लर्निंग तो आ ही जायेगा.
अगली सुबह मुन्नू ने आँख मसलते हुए पेपर उठाया और खबर पढ़ी :
-यादव सिंह के पास मिले 1000 करोड़
मुन्नू : अबे यार, लोगों को भी चैन नहीं है , पता नहीं क्या मिलता है चोरी करके, हुँह
-RTO ऑफिस में पुलिस की रेड, दलाल भागे, पकडे गए दलालों से पूछताछ, 500 की बजाये 1200 लाइसेंस इशू होते थे.
मुन्नू मियाँ मेरठी का इस खबर के लिए कोई कमेंट नहीं था. वो सुरेस भाई की फोटो अखबार में इस तरह(पुलिस के साथ ) देखकर स्तब्ध था.
-यादव सिंह के पास मिले 1000 करोड़
मुन्नू : अबे यार, लोगों को भी चैन नहीं है , पता नहीं क्या मिलता है चोरी करके, हुँह
-RTO ऑफिस में पुलिस की रेड, दलाल भागे, पकडे गए दलालों से पूछताछ, 500 की बजाये 1200 लाइसेंस इशू होते थे.
मुन्नू मियाँ मेरठी का इस खबर के लिए कोई कमेंट नहीं था. वो सुरेस भाई की फोटो अखबार में इस तरह(पुलिस के साथ ) देखकर स्तब्ध था.
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