गर्मियां ज़ोरों पे थीं ,स्कूल की छुट्टियां और इंडिया-पाकिस्तान का मैच ,वो भी world cup.1999 में हुए इस मैच का रोमांच चरम पे था .2 बज चुके थे,पापा को office से आने में देरी थी और माँ सामने पड़ोसन के यहाँ थीं ,और हमे मौका मिल गया था मकानमालिक के यहाँ ,उनके साथ बैठकर मैच देखने का ,ऐसा नहीं था की tv हमारे यहाँ नहीं था ,लेकिन वो 90 's था, invertor और cable कनेक्शन जब कुछ ही घर में थे .
ख़ैर मैच शुरू हो चूका था ,cricket के माई-बाप सचिन ने जहां सही शुरुआत दी थी ,वहीँ द्रविड़ ने भी खूब संभाला था पारी को ,हर विकेट गिरते ही मकानमालिक अपने ही देश के खिलाडियों के सगे सम्बन्धियों को याद करते और रवि शास्त्री की कमेंटरी के बीच में उनकी डकार वाले sound effects ने हमारा जीना दूभर कर दिया था .कलाईयों का जादूगर अजहरुद्दीन आउट हुआ ,और उन्हें मौका मिल गया था " बेच दिया इस मुसलमान ने देश को " कहने को. किसी तरह 227 का स्कोर खड़ा किया भारत ने ,बहुत तो नहीं था ,लेकिन इंग्लैंड की स्विंग लेती पिचों पे अब सारा दारोमदार गेंदबाजो पे आ गया था.
दोपहर से शाम हो गयी थी ,पापा की आवाज़ आ रही थी लेकिन माँ शायद अभी भी पड़ोसन के यहाँ थीं ,ख़ैर अपने को तो आफरीदी और अनवर की जोड़ी टूटने से मतलब था ,आखिर जब तक माँ की आवाज़ खाना खाने को नहीं आजाती ,कौन जाये ये तमाशा छोड़ के ?श्रीनाथ और प्रसाद ने करिश्माई गेंदबाजी की थी , आफरीदी के गगनचुम्बी छक्कों से तो बच गए लेकिन इंजमाम ने बहुत तरसा रहा था.पाकिस्तान की बल्लेबाजी चरमरा गयी थी 139 -7,जीत दिख रही थी ,माँ की खाने के लिए बुलाने को आवाज़ आई लेकिन मकानमालिक ने जस के तस बैठे रहने को कहा ,क्रीज़ पे मोईन खान जो था,हम भी "Indian "ठहरे ,एक सच्चे देशप्रेमी ...नहीं गए.माँ ने कई आवाजों के बाद कहा ,रख दिया है,खा लेना सामने जा रही हूँ सिंह आंटी के,थोडा सा un-pampered फील करते हुए हमने सोचा दोपहर से रात हो गयी लेकिन औरतो की gossip.....,उफ्फ्फ्फ़ ...इसी बीच आखिरी विकेट 180 पे गिरा और ख़ुशी इतनी थी की हम "वर्ल्ड कप" जीत चुके हों .
मैं भागा हुआ अपने घर की और "yessssss ,yessssss " करता हुआ दौड़ा.
रात के 10 बज रहे थे ,लाइट आ चुकी थी.
माँ अभी भी पड़ोसन के यहाँ थी.मैं जब सामने पड़ोसन के यहाँ गया तो चीखों की आवाज़ सुनीं ,सिंह परिवार ,दो तीन औरतें ,जिनमें मेरी माँ भी थी आंटी को सांत्वना दे रही थी .TV पे ,man of the match ceremony की बजाय न्यूज़ चल रही थी और उस newsreader के बोल इस तरह थे "कारगिल में जो 350 जवान शहीद हुए ,उसकी सूची इस प्रकार से थी ....अब चलते हैं bollywood की और ......." सिंह आंटी का जवान बेटा कारगिल युद्ध में शहीद हुआ था .
सुबह अखबार में खबर कुछ इस तरह पढ़ी ...
Manchester :इंडिया 227 पकिस्तान 180 India won
Kargil :इंडिया 350 पाकिस्तान 500 -4000
.....वो खबर काफी थी देशप्रेम से रूबरू होने के लिए
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