Wednesday, October 23, 2013

A short story : भीष्म प्रतिज्ञा


NIT वारांगल जैसे प्रख्यात कॉलेज से पास हुआ था राजेश . चाहता तो नौकरी कर सकता था. इंजीनियरिंग के बाद 8 lpa का पैकेज कम होता है क्या? लेकिन उसे e-commerce का बाज़ार बहुत बड़ा लग रहा था. विज़िटिंग कार्ड्स छपवा लिए थे, shopping site भी शुरू हो गयी हती और 3 लोगो की टीम भी बन गयी थी. कुछ कारणों से राजेश दो दिन के लिए घर आया हुआ था. अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिला ही था पिछले एक दिन में, जब खुद को entrepreneur बताने की कोशिश की, और ये जवाब मिले :
१. पढ़ाई छोड़ आये क्या? या मन नहीं लगता पढ़ाई में?
२. MBA कर लो या थोडा experience लेलो , अभी से कहाँ 
३. तो दूकान है किस चीज़ की ?
४. तुम्हारे पिताजी की दूकान थोड़े ही है,सरकारी नौकरी में हैं वो तो शायद ,हैना ?


खिसियाया हुआ राजेश ऐसी बातें सुनकर झुंझला जाता है और कहता है " अलग करना है, कुछ बड़ा, समझे?"
पिछले 12 महीने से वो कॉलेज के बी-प्लान प्रतियोगिता में जीते हुए 2 लाख रुपये से काम चला रहा था. आखिर घर वालों से आगे कभी भी पैसे न मांगने की भीष्म प्रतिज्ञा जो कर ली थी. हॉस्टल लाइफ ख़तम हो गयी थी, नए मकान का खर्च 10 हज़ार था, बंगलुरु शहर में रहने खाने का खर्च. उनकी शौपिंग साईट शुरू भी हो गयी थी लेकिन फ़ायदा के नाम पे 5-7 हज़ार ही आ रहे थे......
वही हुआ जिसका डर था, जीते हुए पैसे ख़तम हो गए थे और अब अकाउंट में business के आ रहे पैसे ही बाकी थे. एक माध्यम वर्गीय नौकरी पेशेवर का बेटा, चाहे कितना ही निर्भीक हो, खुद को स्टीव जॉब्स समझने या उसकी तरह दुनिया बदलने के सपने देखने वाला हो, लेकिन ऐसी भीष्म प्रतिज्ञा लेने पे, उसे इस तरह का भय, डरा................................. बहुत ज्यादा डरा सकता है. खासकर तब,जब राजेश के अकाउंट में 5 हज़ार हों और 2 महीने पहले शुरू हुआ business आगे कितना पैसा देगा, का कुछ पता न हो और शोभन सरकार के सपने से बड़ी ego हो  .परेशां राजेश अपनी girlfriend से कुछ पैसे उधार लेने को फोन कर ही रहा होता है तभी उसके फोन पे papa calling लिखा आता है. शुरूआती हाँ, हूँ के बाद जब पापा पूछते हैं " बेटा पैसे वैसे तो हैं न अकाउंट में ?,न हों तो डलवा दूंगा "
राजेश हलके स्वर में "हाँ , पापा हैं,और साईट पे orders भी आ रहे हैं, अब कॉलेज के दिन नहीं रहे " कहता है, माथे पे पसीने लिए.
पापा: " चलो तुम कहते हो तो ठीक है, ख्याल रखना अपना " कहते हुए फोन रखते हैं.
राजेश जैसे ही फोन कट करता है उसे बैंक का message दीखता है " Your account has been credited by 30,000 from account no. xxxx xxxx xx45 LM icici "
राजेश तुरंत पापा को फोन मिलाता है "पापा आपने पैसे...???"
पापा : बेटा, कल करवाए थे , मना मत करना , वक़्त बेवक्त कब काम आजायें ,पता नहीं चलता , ठीक है? ख्याल रख.

राजेश फोन रखता है और ego भी,रोते हुए मुस्कुराता है और लग जाता है अपनी इंटरप्रेन्योरशिप को बड़ा बनाने में, नए हौंसले के साथ 

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