मुलायम जी ,
आपके क्या कहने,
कुछ
दिनों
पहले
मेरी
बेटी
को
लैपटॉप
मिला,
वही
जो
आपके
बेटे
,प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
ने
वादा
किया
था.
बेटी
ख़ुशी
से
फूली
नहीं
समाई.
हमने
उसपे
इन्टरनेट
भी
लगवा
लिया
और
अब
फेसबुक
,गूगल
भी
करते
हैं.ज़िन्दगी
आसान
हो
गई
है,क्लिक
करते
ही
सारी
दुनिया
घर
पे.
लेकिन महामहीम ,मेरे
सूबे
में
केवल
8 घंटे
लाइट
आती
है,लेकिन
वो
चार्जिंग
के
लिए
बहुत
है
,अब
अँधेरे
में
जुर्म
हो,चोरी
हो
क्या
फर्क
पड़ता
है
.घर
की
बेटी
पर
मनचले
फब्तियां
कसे,
प्रदेश
में
आपके
राज
के
एक
साल
में
100 से
ज्यादा
रेप
मामले,लेकिन
क्या
फर्क
पड़ता
है.
वैसे
भी
हमारे
पडोसी
आपके
चुनावी
जुमले
का
मज़ाक
बनाते
रहते
हैं
……यूपी
में
नहीं
है
दम,
यहाँ
दंगे
है
, जुर्म
नहीं
हुआ
कम
.
महामहीम ,आपने बारहवी
पास
लड़कियों
को
छात्रवृत्तियां
बांटी
,ख़ुशी
हुई,लेकिन
मेरी
लड़की
के
पास
रोजगार
नहीं
है,
होता
भी
कैसे
आपके
सुपुत्र
ने
कौशल
निखारने
के
लिए
प्रशिक्षण
केंद्र
थोड़े
ही
खुलवाये
हैं.गरीब
को
रोजगार
देंगे
तो
पैसे
कमा
के
वो
खुद
खायेंगे,गरीब
को
रोटी
देंगे
तो
वो
गरीब
ही
रहेगा
.लेकिन
साहब
चुनाव
आ
रहे
हैं
प्रदेश
का
युवा
सब
देख
रहा
है,
उसी
लैपटॉप
पे
.
पार्टी का नारा
है
समाजवाद
का
,लेकिन
महामहीम
आपके
सुपुत्र
के
राज
में
प्रदेश
में
18 महीने
में
8 से ज्यादा
दंगे
हुए,
मुजफ्फरनगर
के
सांप्रदायिक
दंगो
को
आपने
अधिकारियों
की
नाकामी
और
राजनितिक
षड़यंत्र
का
जमा
पहना
दिया.600
से
अधिक
लोग
मारे
गए
और
40 ,000 से ज्यादा बेघर हुए
लेकिन
आपने
सरकारी
आंकड़ा
गलत
दर्शाया
और
अभी
भी
सुध
ली
है
,पता
नहीं
इसका.
अधिकारी
वहां
चुपचाप
रहते
हुए
सब
देखते
रहे
और
अगर
कोई
अधिकारी
खनन
माफिया
के
खिलाफ
इमानदारी
का
साथ
दे
तो
उसका
तबादला
आधे
घंटे
में
होता
है,वाह
सरकार
! आपका
कथन
की
अखिलेश
को
प्रदेश
में
और
समझदारी
से
काम
करने
की
ज़रुरत
है
और
आपके
ख़ास
आज़म
खान
का
स्टिंग
ऑपरेशन
के
विडियो
भी
हमने
लैपटॉप
पर
ही
देखे.
समाजवादी पार्टी के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष,
लेकिन
हमारी
बेटी
सब
देख
रही
है,19 साल की हो
गई
है
, वोट
करेगी
अगले
साल
और
आपको
सलाह
देता
हूँ
की
अपना
स्लोगन
रख
लें
….
तुम मुझे खून
दो,मैं
तुम्हे
लैपटॉप
दूंगा
प्रदेश का एक
जागरूक
नागरिक
........... यादव
(आप
की
ही
जाती
का)
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